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Friday, January 25, 2019


ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में मां बहुत प्रसन्न रहती है।  नवरात्रि हमेशा से ही भगवती की पूजा के लिए विशेष रहीं है। मां अपने सभी रुपों और शक्तियों के साथ नौ दिनों के लिए अपने भक्तों के घर वास करती है। इसलिए थोड़ी भक्ति करने पर भी बहुत जल्दी खुश हो अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करती है।
इन दिनों में कोई व्यक्ति अगर ज़रा भी श्रद्धा और विश्वास के साथ मां के समक्ष कुछ मांगता है, तो मां उन्हें सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य, दीर्घायु और यश प्रदान करती है साथ ही उनकी सारी मनोकामनाएं भी पूरी करती है। सभी भक्तों को विशेष पूजन कर मां का आशिर्वाद प्राप्त करना चाहिए।
  • नवरात्रों में सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर पवित्र हो जाएं। मां भगवती की मूर्ति को सामने चौकी पर स्थापित करें साथ ही चौकी पर कलश की भी स्थापना करें।
  • कलश स्थापित करने के लिए एक मिट्टी के बर्तन में जौ और मिट्टी डालकर उसमें थोड़ा जल डालें फिर लाल कपड़े से कलश को लपेटकर उसे जौ के बर्तन पर रख दें।
  • कलश के अंदर सुपारी और सिक्का डालकर उसे दिए से ढक दें और एक दीप प्रज्जवलित कर उसपर रख दें।
  • उसके बाद मां का ध्यान लगाएं और साथ ही दुर्गा चालिसा पढ़े। नवरात्रि में दुर्गा सप्तशति का पाठ करना मंगलकारी माना जाता है,
  • माता को इसका पाठ बहुत प्रिय है। साथ ही प्रयास करें कि मां को पूरे नवरात्रि गुडहल का फूल अर्पण करें क्योकि इससे मां जल्द ही प्रसन्न हो जाती है।
इच्छाओं की जल्द ही पूर्ति के लिए इस मंत्र का जप करें: ॐ एं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे 

10 अक्टूबर का कलश स्थापित करने का शुभ मुहूर्त सुबह 7:45 तक ही है। लेकिन सुबह 11:36 से दोपहर 12:24 तक भी पूजा व कलश स्थापना की जा सकती है क्योकि इस समय अभिजीत मुहूर्त लग रहा है।
Puja vidhi video

  • नवरात्रि व्रत में अनाज नहीं खाया जाता है।
  • पूजा के स्थान पर स्वच्छता का खास ख्याल रखना चाहिए। 
  • व्रत में केवल एक बार ही भोजन करना होता है। 
  • व्रती को पूर्ण रुप से सात्विक भोजन या फलाहार ही करना चाहिए।
  • इस व्रत में पवित्रता का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है।
  • इस उपवास में प्याज-लहसुन वर्जित होता है।
  • व्रती को अपना अधिकतर समय ध्यान, स्मरण, भजन और नामजप में बिताना चाहिए।
  • इसका विशेष ध्यान रखें कि व्रती के घर-परिवार में भी कोई व्यक्ति मांस-मदिरा आदि तामसिक भोजन न करें।

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